Emotional Shayari In Hindi
"न घबरा के सुनिएगा न शर्मा के सुनियेगाअगर दिल न चाहे तो भी मुस्कुरा के सुनियेगा "
बात सन पचपन की थी यानि मेरे बचपन की थी
मुझे एक लड़की से प्यार हो गया जिसका नाम........ थी
मैं उसे देखने उसके गली रोज़ जाया करता था और उसे देखा करता था मगर मेरा देखना उसे ठीक नहीं लगता था। एक दिन उसने मुझसे कहा
तुम मेरी गली ना आया करो
और फिर कहा
"करती हूँ मैं मुहब्बत तुझसे
इस आशा में रहना छोड़ दे
करती हूँ मैं मना तुझे
मेरी गलियों में आना छोड़ दे "
तो मैंने उससे कहा
"तुझसे नजरे मिलाने आता हूँ
अपने दिल का पैगाम पहुँचाने के लिए
भूल कर भी ये नहीं सोचना
तेरी गली आता हूँ तुझे परेशान करने के लिए "
तब उसने कहा
तुम यहाँ कभी मत आना
तब मैंने उससे गुस्से में कहा
"तेरा हर एक सवाल से मेरा
हर एक जवाब अच्छा होगा
तेरी हर एक ख़ुशी से मेरा
हर एक गम अच्छा होगा
डोली पर बैठे एक बार देखना ऐ बेवफा
मेरा जनाज़ा तेरी बारात से भी अच्छा होगा "
उसकी गली छोड़ने से पहले मैंने उससे कहा
"आएंगे न हम अब तेरी गली
तुझसे नज़रे मिलाने के लिए
एक दिन आएगा मेरा हमदर्द तेरे दर पर
मेरी मौत का पैगाम सुनाने के लिए
जब गुजरेगा मेरा जनाज़ा तेरी गली से
उस वक़्त तो बाहर आ जाना ऐ बेवफा
कम से कम दो आँसू बहाने के लिए "
उसकी दीदार नहीं होने के वजह से मैं उसके प्यार में देवदास बन बैठा। जब मेरी मौत आयी तो देवदास की तरह उसके चौखट में मरने के बजाय मैं अपने घर पर मरा
और मरने से पहले उसके नाम ये खत लिखा
"जाये तो जनाज़ा उसकी गली से
तो उसके दर पर ठहरा देना तुम
हाथ जो उठे दुआ के लिए
तो मुंह से कफ़न हटा देना तुम
अगर इतना भी न कर सको
तो मौत की खबर सुना देना तुम
अगर वजह पूछे मौत की
तो मुहब्बत बता देना तुम "
जिस समय मेरा जनाज़ा उसकी गली से जा रहा था तो उस समय समां ये था कि
"इधर मेरी मय्यत सज रही थी
उधर उसके हाथो में मेंहदी लग रही थी
मेरे भी महफ़िल में भीड़ थी
उसके भी महफ़िल में भीड़ थी
मेरे भी अपने रो रहे थे
उसके भी अपने रो रहे थे
फर्क बस इतना था कि
वह एक नई दुनिया में जा रही थी
और मैं इस दुनिया से जा रहा था "
जब मेरा जनाज़ा उसकी गली में पहुँची तो मेरी रूह ये सोची
"ऐ आशिक़ तेरे जनाजे में सारी दुनिया निकली
मगर वो न निकली जिसके लिए तेरी जनाज़ा निकली "
पर हुआ ये कि जिस वक़्त मेरा जनाज़ा उसकी गली से रुखसत हुआ तो वह महफ़िल छोड़कर बाहर आयी और मेरे जनाजे को रोक कर कहा
इस अंदाज़ से
"हमने तो गली कही थी
आप तो दुनिया ही छोड़ चले "
मय्यत वहाँ से उठकर चली मुझे दफ़न करने को। दफ़न करके लोग चले गए तब मेरी चाहत वहाँ आयी और दो आँसू बहा कर चले गए। जब वह जाने लगी तब उसके पैर रुक गए।
तब मैंने उससे ये कहा
"आकर मेरी कब्र पर पर
जो तूने आँसू बहा दिया
बिजली सी चमक कर गिर पड़ी
सारा कफ़न जला दिया "


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